MSP :- मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए पंजीकरण की तारीख का एलान हो गया है। इस बार गेहूं को एमएसपी पर बेचने के लिए किसान 20 जनवरी से अपना पंजीकरण करा सकते हैं। सरकार ने पंजीकरण की आखिरी डेट 31 मार्च निर्धारित की है। पिछले साल सरकार ने गेहूं खरीद के लिए 3800 उपार्जन केंद्र स्थापित किए थे। इस सत्र के लिए खरीद केंद्रों की संख्या बढाकर चार हजार की गई है।
कितनी मिलेगी MSP
पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था
पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र और एमपी किसान एप पर भी की गई है।
पंजीयन करने का तरीका
पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था एम.पी. ऑनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर की गई है। इन केन्द्रों पर पंजीयन के लिये शुल्क राशि प्राप्त करने के संबंध में कलेक्टर निर्देश जारी करेंगे। प्रति पंजीयन के लिये 50 रूपये से अधिक शुल्क निर्धारित नहीं किया जाएगा। किसान पंजीयन के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज़ एवं किसान के आधार कार्ड एवं अन्य फोटो पहचान पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा।
सिकमी, बटाईदार, कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध होगी।
भुगतान के लिए कोन सा बैंक अकाउंट देना होगा
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान सीधे उनके खाते में किया जाएगा। किसानों को इसके लिए पंजीकरण के समय आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते का विवरण ही दर्ज कराना होगा। मंत्री ने बताया कि पंजीकरण कराने के साथ फसल बेचने के लिए किसानों को अपना आधार नंबर वेरिफिकेशन कराना होगा। इसके लिए आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP या बायोमैट्रिक डिवाइस से सत्यापन किया जाएगा।
आधार नंबर का वेरिफिकेशन
पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त OTP से या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा।